Indicators on भूत की कहानी You Should Know

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It had been like in two seconds that he gave me the title. I've been With this field for twenty five many years but I have never seen this sort of generosity before. ... This can be the initial of its sort. I'm grateful that Vicky headlined the film with us because that gives us a lot of self-assurance that such movies is often built. We wish to get this franchise in advance. ^

एस.एस. औरंग मेडान” जो उनसे कुछ ही मिल की दूरी पर बड़े शान से तैर रहा था । एस.

यह कहानी एक छोटे से गाँव की है, जहाँ लोग रात के समय एक विशेष घर के पास से अजीब-अजीब आवाजें सुनते थे। लोग इसे भूत की कहानी मानते थे, लेकिन कोई भी वास्तविकता में नहीं जानता था।

उसने मेरे पास आके मेरा बैग उठाया और मेरे आगे-आगे चलने लगा। चलते हुए मैंने एक बात पर गौर किया कि ये इतना चुप-चुप क्यों है। ये जब से मुझे मिला है तब से कुछ नहीं बोला। क्योंकि मेरा दोस्त सोमधर तो बहुत ही बातूनी है और ये तो इतना शांत बड़ी ही अजीब बात है।

हम सभी हँसने लगे और उससे कहने लगे कि क्या फ़ालतू की बात कह रहा है। भला, कोई इस जंगल में इतनी रात में क्यों जायेगा। कहीं कोई जंगली जानवर मिल गया तो शामत पक्की है। (हाहाहा…. सब हँसने लगे।)

. उन्हें सोनू कहीं भी नहीं दिखाई देता.. सभी उदास होकर वहां से चले जाते हैं..

उसी रात मैं जब सो रहा था तब किसी की मुझे पुकारने की आवाज आ रही थी।

गौरब अपने दोस्तों की मदद से उस आत्मा की शरीर को ढूंढ़ता है जोकि उसे एक पेड़ के निचे मिलता है। फिर गौरब पुलिस को ये सुचना देता है और पुलिस उस आत्मा के पति को गिरफ्तार करता है और कोट उसे आजीबन करबास की सजा सुनाता है।

इतना सुनने के बाद उस महिला का पति क्रोधित हो जाता है। और पहलवान के पास जाकर कहता है तूने मेरी बीवी को कैसे मारा?

आज इस लेख में हम पढ़ेंगे बच्चों के लिए उपयुक्त भूतों की कहानियां जिसमे आपको बहुत मजा आएगा। यह भूत की कहानी डरावनी नहीं बल्कि साहस से भरी है। 

बेताल पच्चीसी

उस ताड़ के पेड़ के पास एक महिला अपने पति व एक बच्चे के साथ रहती थी। उसका पति बड़ा ही धूर्त व आलसी किस्म का शख्स था और उसे बात-बात पर झूठ बोलने की आदत थी। इस वजह से वह महिला अपने पति से बेहद परेशान रहती थी। काफी दूर तक पैदल चलने के बाद जब मोहन ताड़ के पेड़ के पास पहुंचा तो वह औरत घर के बाहर निकली। घर के आंगन में प्रवेश करते हुए मोहन लड़खड़ा कर गिर पड़ा और उसका एक हाथ औरत के गाल पर तमाचे की तरह लग गया।

आदमी हंसते हुए उत्तर दिया, “भूत? नहीं, यहाँ कोई भूत नहीं है। मैं यहाँ एक महिला के साथ रहता हूँ और हम यहाँ शांति से जी रहे हैं।”

उसी रात, राजू ने खिलौना अपने सोने के समय के लिए उठा लिया। खिलौना जैसे ही उठा, उसमें वही सुरीली म्यूजिक और रंगत आई जो रात को होती थी। राजू का दिल खुशी bhoot ka kahani से भर गया, और उसने उस सुरीली म्यूजिक के साथ अपने सपनों की दुनिया में सफर करना शुरू किया।

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